भूख से हर दिन मरते गरीब,
और गोदामों में सड़ता अनाज,
ये कैसा भारत निर्माण......
टूटी फूटी सड़कें सारी ,
और जाम से होता अकाज,
ये कैसा भारत निर्माण......
जनता के पैसों से देखो,
हो रहा है भ्रष्टाचार,
ये कैसा भारत निर्माण......
सरकार का विरोध ना करना,
वरना हो जाओगे गिरफ्तार ,
ये कैसा भारत निर्माण......
कमर तोड़ती महंगाई है,
जिसको तुम कह रहे विकास,
ये कैसा भारत निर्माण......
चारों तरफ़ है घोर निराशा,
जनता का उठता तुम से विश्वास,
ये कैसा भारत निर्माण......
बोलने की आज़ादी छिनती,
अधिकारों का होता ह्वास ,
ये कैसा भारत निर्माण......
(राहुल द्विवेदी)
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