Wednesday, October 10, 2012

मैं, तेरे लिए...

मैं कोई मौसम नहीं जो बदल जाऊँगा,
मैं वो अरमान नहीं जो मचल जाऊँगा,
मैं तो तेरे दिल में छुपी चाहत हूँ,
बस तेरी धडकनों में सिमट जाऊँगा।

मैं कोई यादें नहीं जो मिट जाऊँगा,
मैं वो खुशबू नहीं जो बिखर जाऊँगा,
मैं तो तेरे प्यार की जरुरत हूँ,
तेरी रूह में शामिल हो जाऊँगा।

मैं कोई ख्वाब नहीं जो टूट जाऊँगा,
मैं वो प्यार नहीं जो रूठ जाऊँगा,
मैं तो तेरी ज़िन्दगी का एक हिस्सा हूँ,
तुझसे अलग होते ही ख़त्म हो जाऊँगा।

                                         (राहुल द्विवेदी)

ये कैसा भारत निर्माण......

भूख से हर दिन मरते गरीब,
और गोदामों में सड़ता अनाज,
ये कैसा भारत निर्माण......

टूटी फूटी सड़कें सारी ,
और जाम से होता अकाज,
ये कैसा भारत निर्माण......

जनता के पैसों से देखो,
हो रहा है भ्रष्टाचार,
ये कैसा भारत निर्माण......

सरकार का विरोध ना करना,
वरना हो जाओगे गिरफ्तार ,
ये कैसा भारत निर्माण......

कमर तोड़ती महंगाई है,
जिसको तुम कह रहे विकास,
ये कैसा भारत निर्माण......

चारों तरफ़ है घोर निराशा,
जनता का उठता तुम से विश्वास,
ये कैसा भारत निर्माण......

बोलने की आज़ादी छिनती,
अधिकारों का होता ह्वास ,
ये कैसा भारत निर्माण......

                           (राहुल द्विवेदी)