Monday, October 21, 2013

बरसात

सावन की सुहानी झड़ी है,
तुमसे मिलने की बेचैनी बड़ी है. 

रिमझिम रिमझिम गिरती बूंदों में,
तुझको बाहों में लेने की हसरत हुई है. 

तेरे माथे पर सजी ये बिंदिया,
चम चम चमकती बिजली लग रही है. 

लहराती हुई तेरी ये जुल्फें,
काली घटा का एहसास कराती हैं.

तू मेरे साथ रहे ज़िन्दगी भर,
हर पल रब से यही गुजारिश है. 
 

    (ब्रजेश द्विवेदी)


Tuesday, September 10, 2013

तेरा प्यार

तेरा प्यार,
मेरी इच्छा मेरी आदत है.

तेरा इश्क़,
मेरा जूनून मेरी ताकत है. 

तेरा साथ,
मेरी मंजिल मेरी इबादत है. 

तेरा सपना,
मेरा ख्वाब मेरी हक़ीकत है. 

तेरी हँसी,
मेरी ख़ुशी मेरी अमानत है. 

तेरी बातें,
मेरी यादें मेरी दौलत है. 

और तू,
मेरी ज़िन्दगी मेरी चाहत है. 

    (ब्रजेश द्विवेदी)



Monday, May 6, 2013

अपना देश

ऐ मेरे देश के लोगों ये क्या हो गया?
कैसे हमारा शासक एक चोर बन गया?

दुश्मनों की फ़ौज है घेर रही हमको,
हमारा बिलकुल भी खौफ नहीं रहा अब।

हर देश आज हमको दिखा रहा है आँखें,
जबरदस्ती आकर सीमा में हमारी झांके।

मर रहे हमारे लोग, हमारे सैनिक,
हमारे नेताओं को इनकी परवाह नहीं तनिक।

एक दूसरे से लड़ते झगड़ते हमारे शासक,
घपलों और घोटालों में व्यस्त ये प्रशासक।

प्रजातंत्र का कर लिया है इन्होने चीरहरण,
लूटतंत्र का ये हर पल में कर रहे वरण।

आतंकियों के मरने पर मचा करके शोर,
शहीदों को अपमानित कर रहे हर ओर।

कब तक इन अपमानों को हम सहते रहेंगे,
इन भ्रष्टों की खातिर आपस में हम लड़ेंगे।

अपने देश को इनके पंजे से बचाना होगा,
हमे अपने देश का हर कर्ज़ चुकाना होगा।

कर लो शपथ की अब नहीं झेलेंगे भ्रष्टाचारियों को,
जड़ समेत उखाड़ फेंकेंगे हम इन अत्याचारियों को।

अपना घर, अपना देश और अपना ये वतन,
हिफाजत इसकी करेंगे हम दे कर अपना तन, मन, धन।


                  (राहुल द्विवेदी)       


Thursday, April 4, 2013

तेरे प्यार में ......

तेरे प्यार ने ज़िन्दगी दी,
तो तेरी जुदाई ने दर्द दिया।
तेरे इश्क़ ने खुशियाँ दी,
तो तेरे ग़म ने रुला दिया।

तेरे प्यार में जो भी मिला,
सब तुझ पर ही लुटा दिया।
एक दिल ही तो था मेरा अपना,
उसको भी तूने चुरा लिया।

ये ज़िन्दगी तेरी अमानत थी,
तो इसको मैंने तुझे सौंप दिया।
अब तू ही जाने तूने इसको,
आबाद किया या बर्बाद किया।



                  (राहुल द्विवेदी)