Sunday, May 2, 2010

You N Me..

You are in my dreams,
But I can't see you.

You are with me,
But I can't touch you.

You are in my thoughts,
But I can't think you.

You are my love,
But I can't take you in my arms.

You are in me,
But I can't get you.

Why does it happen in love,
Two hearts love each other,
Two hearts beat for each other,
But they can't meet ever....


(Rahul Dwivedi)

Thursday, April 22, 2010

दिल करता है.....


तेरी झील सी आँखों में डूब जाने को दिल करता है,
तुझे देखकर, तुझे पाने को दिल करता है।

आरजू है की तुझपे दिलोजां वार दूँ ,
खिल उठे तेरा जीवन तुझे इतना प्यार दूँ,
तेरी धडकनों में बस जाने को दिल करता है।

तेरे सारे सपनों को साकार कर दूँ,
अपना सारा जीवन तेरे नाम कर दूँ,
तेरे प्यार में मिट जाने को दिल करता है।

तेरे लिए रब से एक और जीवन मांग लूँ,
तेरी जुल्फों को एक बार फिर से सवांर दूँ,
तेरे संग बार-बार जीने मरने को दिल करता है।
(राहुल द्विवेदी) 


Tuesday, April 20, 2010

You Are For Me......


Seeing you,
I become happy.

Talking with you,
I fall in love.

Being with you,
I want to live.

Thinking about you,
I forget everything.

Loving you,
I got a new life.

Getting you,
I want to get the whole......

(Rahul Dwivedi)

Thursday, April 15, 2010

Wait.....


I am waiting for that day,
When I will meet you,
Then I will tell you that,
How much I like you,
How much I need you,
And how much I love you.

I am waiting for that day,
When you and I will go for long drive,
And then I will tell you that,
I was trying to see you in my dreams,
I was searching you in my memories,
But then I come to know that,
You are not anywhere else,
only in my Heart.

I am waiting for that day,
When you and I will go for a candle light,
Then I will explain you that,
Without you life is not interesting,
Without you I am nothing,
Because you have made me Complete.

(Rahul Dwivedi)

Tuesday, April 13, 2010

क्यों


क्यों अपने ही दिल से मजबूर हो जाते हैं हम,
क्यों पास रहते हुए भी दूर हो जाते हैं हम।

कभी दुनिया की रश्मों-रिवाजों की वजह से,
तो कभी अपने ही रिश्तों-नातों की वजह से,
क्यों साथ चलते हुए भी जुदा हो जाते हैं हम।

कभी आहटों से पहचान लेते थे एक दूसरे को,
तो कभी बिन कुछ बोले समझ लेते थे एक दूसरे को,
क्यों कभी सामने आते ही अनजाने बन जाते हैं हम।

कभी सपनों में होती थी रोज मुलाकातें,
तो कभी ख्यालों में होती थी बहुत सी बातें,
क्यों आज एक दूसरे से नज़रें चुराते हैं हम।

(राहुल द्विवेदी)

Saturday, April 10, 2010

Love

When love loves,
It loves very deeply.

But when love hurts,
It hurts also very deeply.

When love wants,
It wants complete dedication.

But when love cheats,
It cheats with perfection.

When love gives,
It gives you everything.

But when love takes,
It leaves with you nothing.


(Rahul Dwivedi)

Monday, April 5, 2010

दोस्ती

दोस्ती एक ऐसी प्यारी सी डोर है,
जो दो इंसानों को प्यार से जोड़ती है।


दोस्ती एक ऐसी सदाबहार रहगुजर है,
जो दो अनजानों को एक दूजे से मिलाती है।


दोस्ती एक ऐसा जादुई गुलशन है,
जो मुरझाये फूल खिला देती है।


दोस्ती एक ऐसी कोमल जंजीर है,
जो परायों को अपना बना लेती है।


दोस्ती एक ऐसा मजबूत बंधन है,
जो सारे भेद-भाव मिटा देती है।


दोस्ती एक ऐसा मधुर संगीत है,
जो सारे दुःख दूर कर देती है।


दोस्ती एक ऐसे रिश्ते का नाम है,
जिस से ज़िन्दगी में खुशियाँ आती हैं।


दोस्ती एक ऐसे इम्तहान का नाम है,
जिसमें दोस्तों की जान भी चली जाती है।


फिर भी सच तो यही है दोस्तों की.....

अगर इस दुनिया में दोस्ती न होती,
तो ये कब की ख़त्म हो चुकी होती।




(राहुल द्विवेदी)

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी एक ऐसी पहेली है,
जिसे आज तक कोई हल ना कर सका ।


ये वो उलझन है,
जिसे कोई कभी सुलझा ना सका।


हमने देखे हैं ज़िन्दगी के अनेकों रूप,
कभी रुलाती तो कभी हंसाती है ज़िन्दगी।


देखो अगर मेरी नज़रों से तुम,
तो कितनी हसीन है ज़िन्दगी।


बन जाओ अगर तुम मेरे हमसफ़र,
साथ मिल कर बिताएंगे ज़िन्दगी।


हम दोनों साथ मिलकर,
सजायेंगे ज़िन्दगी, सवारेन्गे ज़िन्दगी।


ज़िन्दगी नाम है जिंदादिली का,
डरकर जीना नहीं है ज़िन्दगी।


मिलने वाले बिछड़ जाते हैं और बिछड़े हुए मिल जाते हैं,
ओ, मेरे दोस्तों इसी का तो नाम है ज़िन्दगी।


इसी का तो नाम है ज़िन्दगी..........


(राहुल द्विवेदी)

बचपन

बहुत ही प्यारा और मासूम होता है बचपन,
हर गुनाह से दूर होता है बचपन।


मा की ममता में पलता है बचपन,
पिता के आशीर्वाद से सावरता है बचपन।


भाई के प्यार से खिलता है बचपन,
बहन की दुवाओं से निखरता है बचपन।


दोस्तों के साथ में मचलता है बचपन,
अपनों की महफिल मे चहकता है बचपन।


हर इंसान की यादों में बसता है बचपन,
हम-तुम सभी लौटाना चाहते हैं बचपन।


क्योंकि..............

हर रंग में रंगता है बचपन,
हर ढंग में जमता है बचपन।


हर मौसम का मजा लेता है बचपन,
हर किसी को अपना बना लेता है बचपन।


इसीलिए तो कहता हूँ की.....
बहुत ही प्यारा और मासूम होता है बचपन.



(राहुल द्विवेदी)