ज़िन्दगी एक ऐसी पहेली है,
जिसे आज तक कोई हल ना कर सका ।
ये वो उलझन है,
जिसे कोई कभी सुलझा ना सका।
हमने देखे हैं ज़िन्दगी के अनेकों रूप,
कभी रुलाती तो कभी हंसाती है ज़िन्दगी।
देखो अगर मेरी नज़रों से तुम,
तो कितनी हसीन है ज़िन्दगी।
बन जाओ अगर तुम मेरे हमसफ़र,
साथ मिल कर बिताएंगे ज़िन्दगी।
हम दोनों साथ मिलकर,
सजायेंगे ज़िन्दगी, सवारेन्गे ज़िन्दगी।
ज़िन्दगी नाम है जिंदादिली का,
डरकर जीना नहीं है ज़िन्दगी।
मिलने वाले बिछड़ जाते हैं और बिछड़े हुए मिल जाते हैं,
ओ, मेरे दोस्तों इसी का तो नाम है ज़िन्दगी।
इसी का तो नाम है ज़िन्दगी..........
(राहुल द्विवेदी)
जिसे आज तक कोई हल ना कर सका ।
ये वो उलझन है,
जिसे कोई कभी सुलझा ना सका।
हमने देखे हैं ज़िन्दगी के अनेकों रूप,
कभी रुलाती तो कभी हंसाती है ज़िन्दगी।
देखो अगर मेरी नज़रों से तुम,
तो कितनी हसीन है ज़िन्दगी।
बन जाओ अगर तुम मेरे हमसफ़र,
साथ मिल कर बिताएंगे ज़िन्दगी।
हम दोनों साथ मिलकर,
सजायेंगे ज़िन्दगी, सवारेन्गे ज़िन्दगी।
ज़िन्दगी नाम है जिंदादिली का,
डरकर जीना नहीं है ज़िन्दगी।
मिलने वाले बिछड़ जाते हैं और बिछड़े हुए मिल जाते हैं,
ओ, मेरे दोस्तों इसी का तो नाम है ज़िन्दगी।
इसी का तो नाम है ज़िन्दगी..........
(राहुल द्विवेदी)
No comments:
Post a Comment