बहुत ही प्यारा और मासूम होता है बचपन,
हर गुनाह से दूर होता है बचपन।
मा की ममता में पलता है बचपन,
पिता के आशीर्वाद से सावरता है बचपन।
भाई के प्यार से खिलता है बचपन,
बहन की दुवाओं से निखरता है बचपन।
दोस्तों के साथ में मचलता है बचपन,
अपनों की महफिल मे चहकता है बचपन।
हर इंसान की यादों में बसता है बचपन,
हम-तुम सभी लौटाना चाहते हैं बचपन।
क्योंकि..............
हर रंग में रंगता है बचपन,
हर ढंग में जमता है बचपन।
हर मौसम का मजा लेता है बचपन,
हर किसी को अपना बना लेता है बचपन।
इसीलिए तो कहता हूँ की.....
बहुत ही प्यारा और मासूम होता है बचपन.
(राहुल द्विवेदी)
Monday, April 5, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
GOOD MR BACHPAN
Post a Comment