चाहत का इकरार है तुझसे,
रिश्ता कोई खास है तुझसे।
तूने दिल में बस कर,
दिया एक एहसास है मुझको,
कहते हैं प्यार जिसे,
शायद वही प्यार है तुझसे।
तन्हा अकेली रातों में,
तेरी यादें देती हैं सहारा,
अक्सर तेरी यादें ही,
मुझको मिला देती हैं तुझसे।
मिलने की उम्मीद में,
जीये जा रहा हूँ ज़िन्दगी,
मगर मेरी किस्मत में,
शायद नहीं है मिलना तुझसे।
(राहुल द्विवेदी)
रिश्ता कोई खास है तुझसे।
तूने दिल में बस कर,
दिया एक एहसास है मुझको,
कहते हैं प्यार जिसे,
शायद वही प्यार है तुझसे।
तन्हा अकेली रातों में,
तेरी यादें देती हैं सहारा,
अक्सर तेरी यादें ही,
मुझको मिला देती हैं तुझसे।
मिलने की उम्मीद में,
जीये जा रहा हूँ ज़िन्दगी,
मगर मेरी किस्मत में,
शायद नहीं है मिलना तुझसे।
(राहुल द्विवेदी)
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